VINAY YADAV
गुरुवार, 13 अप्रैल 2017
योगी जी उ.प्र. की सारी योजना बन्द करा दो बस,फिर सब ठीक हो जायेगा
बुधवार, 12 अप्रैल 2017
भाजापा की काली करतूत देखें जो खुद को सबका हमदर्द बना है। अब जागो देश और आंखे खोलो(विनय यादव )
अटल पेंशन, दीन दयाल उपाध्याय योजना सही, तो फिर समाजवादी पेंशन गलत कैसे फर् यूपी में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद समाजवादी शब्द को हर बैनर पोस्टर और सरकारी योजनाओं से हटाने का काम तेजी से शुरू हो गया है। एम्बुलेंस, आवास और कई अन्य योजनाओं के साथ ही अब समाजवादी पेंशन योजना से भी समाजवादी शब्द हटेगा। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री पेंशन योजना या बाद में दीन दयाल उपाध्याय पेंशन योजना हो सकती है। हालांकि सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब अटल पेंशन योजना, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, राजीव गांधी आवास योजना समेत सैकड़ों योजनाएं बड़ी ही आसानी से चल सकती हैं तो फिर समाजवादी शब्द से इतनी नफरत क्यों है। जबकि समाजवादी शब्द का मतलब सेक्यूलर से है। भाजपा के कई नेता समाजवादी रहे हैं। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब सरकारी योजनाओं से समाजवादी शब्द हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार देर रात चली बैठक में यह निर्देश दिए। वहीं मुख्यमंत्री ने नई परंपरा की शुरुआत करते हुए योजनाओं के नाम के आगे केवल ‘मुख्यमंत्री’ शब्द लिखने के निर्देश दिए हैं, साथ ही केंद्रीय योजनाओं के नाम में किसी तरह का कोई फेरबदल नहीं करने और उसे केंद्र की मंशा के मुताबिक ही चलाने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार देर रात खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने इस मामले को कैबिनेट के सामने पेश करने को कहा ताकि इसकी समीक्षा की जा सके। कई योजनाएं आएंगी दायरे में मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गयी कई योजनाओं के नाम बदल जाएंगे। समाजवादी पेंशन योजना अब मुख्यमंत्री पेंशन योजना के नाम से जानी जाएगी। इसी तरह समाजवादी एंबुलेंस (108), समाजवादी पूर्वाचल एक्सप्रेस- वे, समाजवादी नमक, समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना, समाजवादी आवास योजना, समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना, समाजवादी पौष्टिक आहार योजना आदि मुख्य है। ध्यान रहे कि चुनाव के दौरान भाजपा ने सरकारी योजनाओं में समाजवादी शब्द हटाने की मांग की थी जिसके बाद चुनाव आयोग ने एंबुलेंस से इसे हटाने के निर्देश भी दिए थे। वहीं सरकार बनने के बाद से तमाम योजनाओं से समाजवादी शब्द हटाए जाने की मांग भाजपा नेताओं द्वारा लगातार की जा रही थी। विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार मौर्या कहते हैं कि अखिलेश यादव ने भी जो कांशीराम की योजना थी उसे बदला था। कांशीराम स्मृति उद्यान मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए बनवाया था। उसमें केवल जनेश्वर मिश्रा की मूर्ति लगवाई और योजना का नाम बदल दिया। कांशीराम उर्दू फारसी विश्वविद्यालय का नाम बदल दिया था। इसका ख्वाजा मोइनुद्दीन चिस्ती रखा दिया। किसी भी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा यदि कोई योजना चलाई जाती है। तो आने वाली सरकार को उसे आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए। योजना बंद हो जाए तो दूसरी बात है। जहां का नामकरण न हुआ हो वहां तो किसी भी महापुरुष का नाम रख दिया जाए तो ठीक है, लेकिन इस तरह की परिपाटी ठीक नहीं। ं ं लेखक- - (विनय यादव जजवारा ,फैजाबाद)
शनिवार, 8 अप्रैल 2017
झूठ की विजय ही भारत का नया लोकतंत्र--विनय यादव
सोमवार, 3 अप्रैल 2017
""जीवन का मूल मन्त्र"" (विनय यादव)
हर इंसान के लिए जीवन में शांति सर्वोपरि है. शांति के बिना इन्सान कोई सिद्धि (Achievement) हासिल नहीं कर सकता है. परन्तु आज की भागमभाग में शांति के आधारभूत तत्वों को ही भूलते जा रहे हैं. इस समस्या का मूल हल बताती यह Heart touching कहानी प्रस्तुत है : एक दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर अपने सामने टेबल पर कुछ वस्तुओं के साथ अपनी कक्षा के आगे खड़े थे. बिना कुछ बोले अपनी कक्षा शुरू की, उन्होंने एक बहुत बड़े जार को उठाया और उसमें 2 इंच व्यास की Rocks से भरना शुरू कर दिया. जार भर गया, तब Students से पुछा क्या जार भरा हुआ है. सभी Students सहमत हुए. तब प्रोफसर साहब ने कंकड़ (Pebbles) का डिब्बा उठाया और जार में उड़ेल दिया. उन्होनें जार को हिलाकर रख दिया. जाहिर है Pebbles; Rocks के बीच खाली जगह में घुसने ही थे. जब जार भर गया, Students से पुछा क्या जार भरा हुआ है. सभी Students सहमत हुए. प्रोफसर साहब ने रेत (Sand) का डिब्बा उठाया और जार में उड़ेल दिया. जाहिर है रेत से जार में सब कुछ फुल भर गया. जार भर गया तब उन्होंने एक बार फिर Students से पुछा क्या जार भरा हुआ है. सभी Students ने सर्वाम्मति सहमति जवाब दिया “हाँ”. “अब” प्रोफसर साहब ने कहा, “मुझे लगता है कि यह जार आपके जीवन का प्रतिनिधित्व करता है. सबसे महत्वपूर्ण चीजें Rocks हैं – आपका परिवार, आपके पैरेन्टस्, आपका partner, आपका स्वास्थ्य, आपके बच्चे – अगर बाकी सब चीजें खो जाती है और केवल ये बच जाती है, तब भी आपका जीवन फुल रहेगा. Pebbles कुछ महत्व की दूसरी चीजें हैं – जैसे आपका job, आपका घर, आपकी कार आदि. बाकी सब कुछ रेत है. छोटी चीजें (small stuff) हैं.“ “यदि आप जार में सबसे पहले रेत डालोगे” उनहोंने जारी रखा “तो उसमें Rocks, pebbles के लिये कोई जगह खाली नहीं रहेगी. बिल्कुल ऐसा ही आपके जीवन में चलता है. अगर आप अपना सारा समय और ऊर्जा small stuff पर खर्च कर दोगे तो आपके पास महत्पूर्ण चीजों के लिए समय कभी नहीं होगा. अपनी खुशी के लिए अपनी अत्यंत महत्पूर्ण चीजों (Rocks) पर ध्यान दें. जिन्दगी के आधार ये ही हैं. अपने बच्चों के साथ खेलें, अपने पैरेन्टस् की सेवा करें, अपने partner साथ नाचें-गायें बाहर घूमने जायें, अपने सवास्थ्य पर ध्यान दें. आप हमेशा उसके बाद job पर जाने, घर को साफ रखने, डिनर पार्टी देने तथा अन्य कार्यों का निस्तारण तय करें. पहले अपनी Rocks का ख्याल रखें – जो वास्तव में महत्वपूर्ण चीजें हैं. अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करें. बाकी तो बस रेत है.” ंं ं
( विनय यादव की कलम से)
शनिवार, 1 अप्रैल 2017
बुधवार, 29 मार्च 2017
जागो भारत जागो--- विनय यादव
सोमवार, 27 मार्च 2017
सत्य हिन्दुत्व - विनय भारत वंशी
एक बार अकबर बीरबल हमेशा की तरह टहलने जा रहे थे! रास्ते में एक तुलसी का पौधा दिखा .. मंत्री बीरबल ने झुक कर प्रणाम किया ! अकबर ने पूछा कौन हे ये ? बीरबल -- मेरी माता हे ! अकबर ने तुलसी के झाड़ को उखाड़ कर फेक दिया और बोला .. कितनी माता हैं तुम हिन्दू लोगो की ...! बीरबल ने उसका जबाब देने की एक तरकीब सूझी! .. आगे एक बिच्छुपत्ती (खुजली वाला ) झाड़ मिला .. बीरबल उसे दंडवत प्रणाम कर कहा: जय हो बाप मेरे ! ! अकबरको गुस्सा आया .. दोनों हाथो से झाड़ को उखाड़ने लगा .. इतने में अकबर को भयंकर खुजली होने लगी तो बोला: .. बीरबल ये क्या हो गया ! बीरबल ने कहा आप ने मेरी माँ को मारा इस लिए ये गुस्सा हो गए! अकबर जहाँ भी हाथ लगता खुजली होने लगती .. बोला: बीरबल जल्दी कोई उपाय बतायो! बीरबल बोला: उपाय तो है लेकिन वो भी हमारी माँ है .. उससे विनती करी पड़ेगी ! अकबर बोला: जल्दी करो ! आगे गाय खड़ी थी बीरबल ने कहा गाय से विनती करो कि ... हे माता दवाई दो.. गाय ने गोबर कर दिया .. अकबर के शरीर पर उसका लेप करने से फौरन खुजली से राहत मिल गई! अकबर बोला .. बीरबल अब क्या राजमहल में ऐसे ही जायेंगे? बीरबलने कहा: .. नहीं बादशाह हमारी एक और माँ है! सामने गंगा बह रही थी .. आप बोलिए हर -हर गंगे .. जय गंगा मईया की .. और कूद जाइए ! नहा कर अपनेआप को तरोताजा महसूस करते हुए अकबर ने बीरबल से कहा: .. कि ये तुलसी माता, गौ माता, गंगा माता तो जगत माता हैं! इनको मानने वालों को ही हिन्दू कहते हैं ..! *हिन्दू एक संस्कृति है , सभ्यता है .. सम्प्रदाय नहीं.....! .. वन्दे मातरम् !